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9 August 2014

फूलन देवी हत्याकांड मे शेर सिंह राणा दोषी करार अन्य बरी

शेर सिंह राणा

भोपाल: दस्यु सुंदरी और सांसद फूलन देवी की हत्या में मुख्य अभियुक्त शेर सिंह राणा को पटियाला हाउस कोर्ट दिल्ली ने दोषी करार दिया है. शेर सिंह राणा को आईपीसी की धारा 302(हत्या), 307(हत्या की कोशिश) और 34(एक जैसी मंशा) के तहत दोषी करार दिया. बाकी के 10 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया. उसकी सजा का ऐलान 12 अगस्त को होगा. 12 आरोपियों मे से एक की मौत हो गई थे. शेष 11 मे से 10 बरी एक को दोषी बनाया. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के मुताबिक शेरसिंह राणा ने फूलनदेवी की हत्या इसलिए की थी क्योंकि वो एक बड़ा नेता बनना चाहता था. पुलिस के मुताबिक राणा ने फूलनदेवी की हत्या बेहमई हत्याकांड का बदला लेने के लिए की. 1980 में फूलन देवी के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था. बलात्कारियों से बदला लेने के लिए बंदूक उठाई और 1981 में बेहमई क्षेत्र में 22 ठाकुरों को लाइन में खड़ा कर गोलियों से भून कर बदला लिया था. हत्या के बाद फूलन देवी ने सरेंडर किया. 11 साल जेल में बिताने के बाद फूलन देवी 1994 में रिहा हुईं. 37 वर्षीय फूलन देवी 1996 से समाजवादी पार्टी के टिकट पर उत्तर प्रदेश के भदोही, मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र से दो बार लड़ी और जीतीं फिर राजनेता बनी.

फूलनदेवी के सरकारी आवास के सामने 25 जुलाई 2001 को तीन नकाबपोश युवकों ने उनकी गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी.

एक समय फूलन देवी के नाम से चंबल का बीहड़ कांपता था. चंबल के बीहड़ों मे भी फूलन देवी ने हार नहीं मानी और संसद भवन तक का सफ़र तय किया. पहले डकैत और फिर राजनेता रहीं फूलन का जन्म उत्तर प्रदेश के गोरहा का पूर्वा गांव में साल 1963 में हुआ था. छोटी उम्र में ही उनकी शादी हुई थी, लेकिन पति ने उन्हें छोड़ दिया था. कई तरह की प्रताड़ना झेलने के बाद फूलन ने डकैती का रुख किया था और अपना एक गिरोह खड़ा कर लिया था. कथित तौर पर फूलन के साथ गांव के कुछ लोगों ने गैंगरेप किया था. बेहमई में अपनी बेइज्जती का प्रतिशोध लेने और ताऊ द्वारा कब्जा की गई जिस 30 बीघा जमीन के लिए फूलन देवी बागी हुई थी. उसकी मां को उस जमीन पर कब्जा आज तक नहीं मिला.

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