Menu

News of Madhya Pradesh India

Hindi news portal of Bhopal. read regular, fresh news of Bhopal, Indore, Gwalior, Jabalpur. whole state news reporting with Bhopal samachar portal. Epaper Bhopal consultancy welcomes readers.

23 November 2014

जामा मस्जिद शाही इमाम ताजपोशी

इमाम ताजपोशी

नई दिल्ली: देश की एतिहासिक जामा मस्जिद के शाही इमाम घोषित हुए शाबान बुखारी. शाबान बुखारी शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी के छोटे पुत्र है. शनिवार को पूरे रस्मो रिवाज के साथ दस्तारबंदी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. दस्तारबंदी कार्यक्रम मे तोप से 7 गोले दागे गए, दुआए हुई. मस्जिद के 14वे नायाब इमाम बने शाबान बुखारी. दस्तारबंदी मे 400 साल पुरानी परंपरा को निभाया गया. शाम 5.25 बजे मगरिब की नमाज के साथ जामा मस्जिद दिल्ली फाउंडेशन ट्रस्ट के बैनर तले कार्यक्रम की शुरुआत हुई. कुरान की तिलावत पढ़ी. शायर अजहर इनायती ने सर न हो कि होठों पर नाम ए नबी न हों. जो सांस ले रहें हों, कहीं आखिरी न हों पेश किया.

जामा मस्जिद को भारत की सबसे पुरानी और ऐतिहासिक मस्जिद माना जाता है. बुखारी ने कहा उनका परिवार 400 वर्षों से पीढ़ी दर पीढ़ी इस मस्जिद की इमामत करता आ रहा है. इस अवसर पर देश-विदेश के उलेमा और धार्मिक नेता मौजूद थे. शाबान को पगड़ी बांधी गयी और दुआएं दी गयी. कार्यक्रम के बाद नायब इमाम शाबान बुखारी ने इशा की नमाज पढाई. कार्यक्रम के लिए जामा मस्जिद को रंग-बिरंगी लाइटों व फूलो से सजाया सवांरा गया था.

दस्तारबंदी की रस्म के दौरान अहमद बुखारी ने कहा, 'मैं शाबान बुखारी को जामा मस्जिद का नायब इमाम घोषित करता हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि वे उम्मीदों पर ख़रा उतरेंगे', उलेमाओं ने कहा यह ताजपोशी नई इबारत लिखेगी. 6 अक्टूबर 1650 को पहाड़ की चट्टानों पर शाहजहां ने अपने हाथों से जामा मस्जिद की बुनियाद रखी थी. पहले शाही इमाम सैयद अब्दुल गफूर शाह बुखारी थे. शाही इमाम मुगल बादशाहों की ताजपोशी करते थे. 25 नवंबर को आम लोगों व 29 नवंबर को देश विदेश से आने वाले मेहमानों के लिए रात्रि भोज का कार्यक्रम रखा गया है. शाबान की ताजपोशी पर उठ रहे सवालों पर भी जवाब देते हुए अहमद बुखारी ने कहा कि जो वक्फ बोर्ड अपनी जायदाद पर कब्जा नहीं रोक पा रहा, वह मस्जिदों में कैसे दखल कर सकता है.

Retrieved from (websites).

comments powered by Disqus