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17 August 2015

साइना हारी मारिन बनी बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियन

बैडमिंटन चैंपियनशिप साइना रजत

जकार्ता(इंडोनेशिया): भारत की साइना नेहवाल को विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में रविवार को रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा. पूर्व विश्व नंबर एक इंडियन शटलर साइना स्पेन की कैरोलीना मारिन से हार गईं. भारत के लिए वर्ल्ड चैंपियनशिप में यह पहला सिल्वर मेडल है. स्पेन की कैरोलिना मारिन ने लगातार गेमों में 16-21 और 19-21 से साइना नेहवाल को हराया. 59 मिनट तक चले इस मुक़ाबले में दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी साइना ने दोनों गेम में अच्छी शुरुआत की. मैच की शुरुआत से सबको लगा था कि आज साइना जीतेंगी और वो मैरिन के हाथों ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल की हार का बदला भी ले लेंगी. साइना ने पहले गेम में 3-1 की बढ़त बना ली थी लेकिन इसके बाद उनका खेल बिखर गया. साइना विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी हैं लेकिन वह स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब नहीं हो पाई.

साइना भले ही यह खिताबी मुकाबला हार गई हों लेकिन उन्होंने एक नया रिकॉर्ड जरूर कायम कर दिया. उन्होंने रजत पदक जीतकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम जरूर दर्ज करा लिया. इससे पहले किसी भारतीय खिलाड़ी ने इस प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल से ज्यादा नहीं जीता था. फाइनल में करोड़ों भारतवासियों की दुआए काम न आयी और साइना को हराकर मारिन ने वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम कर लिया. स्पेन की खिलाड़ी ने अपनी तेजी की बदौलत साइना को थकाया और उनके शरीर को निशाना बनाते हुए शाट खेले. साइना को इससे पहले भी इसी साल ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप के फाइनल में भी मारिन के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.

चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में साइना ने इंडोनेशिया की लिंडावेनी फानेत्री को दो गेम में 21-17, 21-17 से हराया था. साइना इस टूर्नामेंट के फ़ाइनल में पहुँचने वाली भारत की पहली खिलाड़ी हैं. दूसरी ओर दुनिया की पहले नंबर की खिलाड़ी मारिन ने दक्षिण कोरिया की संग जी ह्यूआन को 21-17, 15-21, 21-16 से हराकर फ़ाइनल मे जगह बनाई थी. साइना और मारिन के बीच इससे पहले चार बार आमना-सामना हुआ है जिसमें से तीन बार साइना ने जीत दर्ज की है. लेकिन फ़ाइनल में साइना का सपना टूट गया.

विश्व चैंपियनशिप में यह भारत का पांचवां पदक है. इससे पहले, पी वी सिंधु ने 2013 और 2014 में इस टूर्नामेंट का कांस्य पदक हासिल किया था. 2011 में ज्वाला गट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने डबल्स का कांस्य पदक जीता था. 1983 में प्रकाश पादुकोण वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने थे.

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