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21 November 2015

वीरेन्द्र सहवाग ने बच्चो को दिए बल्लेबाजी टिप्स

वीरेन्द्र सहवाग भोपाल पहुँचे

भोपाल: टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग शनिवार को भोजपुर क्लब में आयोजित एक निजी कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे. वे टेस्ट में दो तिहरे शतक जमाने वाले देश के एकमात्र क्रिकेटर है. सहवाग ने क्लब में युवा बल्लेबाजों और बच्चों को बल्लेबाजी और गेंदबाजी के महत्वपूर्ण टिप्स दिए. बच्चों ने भी उनसे सवाल पूछकर अपने क्रिकेट स्किल्स को और बेहतर बनाया. राजधानी के भोजपुर क्लब में क्रिकेट क्लिनिक नाम के एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.

अपने जमाने मशहूर बल्लेबाज रहे वीरेन्द्र सहवाग ने बड़ी ही सहजता से बच्चों के सवालों के जवाब दिए. क्रिकेट ज्ञान से खुश होकर सहवाग ने 12 साल के वेदांत गुप्ता को गोद में उठाया और सवालों के जवाब भी दिए.

सहवाग ने एक बार फिर भारतीय वन-डे कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की तारीफ करते हुए कहा कि वे देश में सबसे अच्छा पूल शॉट खेलते है. अगले विश्‍व कप तक धोनी कप्‍तान बने रहें. हर खिलाड़ी की अपनी शैली होती है, आपकों भी अपनी शैली विकसित करना चाहिए. जिसे अपना आदर्श माने उसके जैसी बल्लेबाजी करने का प्रयास करे. मैं भी टीवी पर सचिन तेंडुलकर को देखकर घर पर शेडो प्रेक्टिस करता था. शेडो प्रेक्टिस करना खेल को सुधारता है. मैदान पर जाने से पहले खुद की काबिलियत पर विश्वास होना जरुरी है.

सहवाग ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब वह बल्लेबाजी करते थे तब कभी बॉलर को नहीं देखते थे, वे केवल बॉल को देखते थे और जब तक वह बैट से टकरा नहीं जाती तब तक उस पर नजर रखते थे. हम बॉलर की उंगलियों की तरफ ध्यान ही नहीं देते. यदि हम इस तरफ ध्यान देंगे तो और ज्यादा अच्छा खेल सकते हैं. खिलाड़ी को खुद को फिट रखना सबसे जरूरी है. इसके लिए सबसे आसान तरीका है उठक-बैठक करना. मैं जब भी खाली होता हूं तो 50-60 उठक-बैठक कर लेता हूं. जिस दिशा में गेंद जा रही हो, उसी दिशा में रन बनाना आसान होता है. एक अच्छे बल्लेबाज को इसका ध्यान रखना चाहिए.

बच्चों के संग वीरू से मिलने पहुंचे स्कूल टीचरों से बात करते हुए सहवाग ने अपने बचपन के कई किस्से सुनाए. उन्होंने कहा कि, मनी मैटर नहीं करती. वे जब छोटे थे और क्रिकेट खेलते थे, तब उनके घर की आय 1000 रुपए महीने थी. वे लोग तब भी खुश थे. आज 5 लाख रुपए महीने आते हैं, तो वो भी कम पड़ते हैं, लेकिन फिर भी वे खुश हैं. अगर वे क्रिकेटर नहीं होते, तो हरियाणा में खेतीवाड़ी कर रहे होते.

दैनिक भास्कर की पहल 'प्रॉमिस टू गिव यू बैक' के तहत सहवाग ने ये वादा किया है कि वे देश के लिए एक और सहवाग ढूंढ़कर तैयार करेंगे. इस कैंपेन का नाम वीरू 2.0 नाम रखा गया है. इस मिशन के लिए वे भास्कर द्वारा चुने गए शहरों में जाएंगे और वहां मोटिवेशनल टॉक शोज़ करेंगे. भास्कर का उद्देश्य है कि पाठक अपने जीवन में आत्मविश्वास के साथ सफलता की ओर अग्रसर हो सकें. वे लोगों को अपने संघर्ष की कहानी सुनाकर सकारात्मक और सफल जीवन के प्रति उत्साह जगाएंगे.

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