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8 April 2016

400 साल पुरानी शिंगणापुर मंदिर की परंपरा टूटी

शिंगणापुर मंदिर परंपरा टूटी

शिंगणापुरः महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित शनि शिंगणापुर मंदिर में 400 साल पुरानी परंपरा शुक्रवार को टूट गयी जब पुरुषों और महिलाओं ने चबूतरे पर चढ़कर पूजा की. गुड़ी पड़वा पर ट्रस्ट को श्रद्धालुओं के सामने झुकना पड़ा. गुड़ी पड़वा के मौके पर यहां देवता को नहलाया जाता है जिसमें सिर्फ पुरुष शामिल होते थे. लेकिन मंदिर प्रशासन के फैसले को ना मानते हुए यहां पुरुषों ने जबरदस्ती पवित्र शिला वाले चबूतरे पर जल चढ़ा दिया. बड़ी संख्या में पुरुष श्रद्धालु मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर गए. पुरुषों ने जल चढ़ाया तो महिलाओ के लिए भी रास्ता खोला गया. महिलाओं ने भी शनि मंदिर में पूजा की. शनि शिंगणापुर ट्रस्ट ने कहा कि हमने रोज ही महिलाओं को चबूतरे तक जाने की इजाजत दे दी है.

महिलाओं को शनि मंदिर में पूजन का अधिकार दिए जाने की लड़ाई लड़ रहीं भूमाता ब्रिगेड की नेत्री तृप्ति देसाई भी मंदिर पहुंची. देसाई ने इसे बहुत बड़ी जीत बताया. आज इस सफलता से वे बहुत खुश हैं. कहा कि उम्मीद है कि रोज महिलाओं को यहां इजाजत दी जाएगी. हम जलाभिषेक करेंगे और पूजा करेंगे, गुड़ी पड़वा के दिन ये शनि भगवान का उपहार है. शनि शिंगणापुर ट्रस्ट की अध्यक्ष अनीता शेटे ने कहा कि ट्रस्ट सभी श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने और पूजा की अनुमति देता है. महिलाओं पर किसी तरह की रोक-टोक नहीं होगी. उन्हें भी पूजा की अनुमति होगी.

गौरतलब हो कि शिंगणापुर मंदिर में बड़ी संख्या में पुरुषों ने बैरिकेडिंग तोड़ते हुए शिवलिंग के पास पहुंच गए जहां पूजा की जाती है. उन्होंने वहां अपने हिसाब से पूजा की. पुरुषों के इस कदम के बाद मंदिर ट्रस्ट ने घोषणा कर दी कि हम महिलाओं को भी पूजन करने से नहीं रोकेंगे. इस तरह सुप्रसिद्ध शनि शिंगणापुर मंदिर में वर्षो पुरानी परंपरा टूटी जब महिलाओं को पूजा करने की इजाजत मिली है.

इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट भी इस मामले पर फैसला सुना चूका था कि पूजा करने से महिलाओं को नहीं रोका जा सकता. इस आदेश के बाद भी मंदिर ट्रस्ट महिलाओं को पूजा करने के अधिकार के खिलाफ अड़ा हुआ था. लेकिन अंत में ट्रस्ट ने खुद तृप्ति देसाई को मंदिर में पूजा करने के लिए आमंत्रित किया.

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