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8 December 2016

रिसोर्ससैट-2ए का हुआ सफल परीक्षण

इसरो रिसोर्ससैट-2ए सफल परीक्षण

श्रीहरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) ने सफलता की एक और इबारत लिखी. PSLV-C36 से रिसोर्ससैट-2ए को सफलतापूर्वक ले जाया गया. भारत के नवीनतम रिमोट सेंसिंग उपग्रह 'रिसोर्ससैट-2ए' को बुधवार को आंध्रप्रदेश स्थित श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया. पीएसएलवी-सी36 ने अपनी 38वीं उड़ान के तहत श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर उड़ान भरी और लगभग 18 मिनट में रिसोर्ससैट-2ए को सफलतापूर्वक 817 किलोमीटर पर स्थित ध्रुवीय सौर समकालिक कक्षा(एसएसओ) कक्षा में प्रवेश करा दिया.

रिसोर्ससैट-2ए का उद्देश्य संसाधनों का निरीक्षण करना है और यह वर्ष 2003 एवं 2011 में प्रक्षेपित रिसोर्ससैट-1 और रिसोर्ससैट-2 के अभियान का अगला चरण है. यह रिसोर्ससैट-1 और रिसोर्ससैट-2 द्वारा वैश्विक प्रयोगकर्ताओं को उपलब्ध करवाई जाने वाली रिमोट सेंसिंग डाटा सेवाओं को जारी रखेगा. यह पृथ्वी अवलोकन रिसोर्ससैट-2ए के मिशन की अवधि पांच साल की है. यह जमीन और पानी से जुड़े जानकारी के लिए बेहद उपयोगी है.

रिसोर्ससैट-2ए का वजन 1235 किलोग्राम है. इसे 44.4 मीटर लंबे और 321 टन वजनी पीएसएलवी-एक्सएल रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया. पीएसएलवी रॉकेट चौथी पीढ़ी/इंजन रॉकेट है, जो ठोस व तरल, दोनों प्रकार के वैकल्पिक ईंधन से संचालित होता है. इस उड़ान में, पीएसएलवी के 'एक्सएल' प्रारूप का इस्तेमाल किया गया. रिसोर्ससैट-2ए में तीन पेलोड हैं. पहले के दो रिसोर्ससैट के साथ भी ऐसा था. इनमें उच्च विभेदन क्षमता वाला 'लीनियर इमेजिंग सेल्फ स्कैनर' कैमरा, मध्यम विभेदन क्षमता वाला एलआईएसएस-3 कैमरा और 'एडवांस्ड वाइड फील्ड सेंसर' कैमरा शामिल था. रिसोर्ससैट-2ए अपने साथ दो 'सॉलिड स्टेट रिकॉर्डर' भी ले गया है. प्रत्येक रिकॉर्डर अपने कैमरों द्वारा ली गई 200 गीगा बाइट्स की तस्वीरें संग्रहित करने की क्षमता रखता है. इन्हें बाद में जमीन पर स्थित स्टेशनों में देखा जा सकता है.

इसरो का प्रमुख उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी अब तक 36 सफल प्रक्षेपण कर चुका है. साल 1994-2016 की अवधि में पीएसएलवी ने कुल 121 उपग्रह प्रक्षेपित किए हैं. इनमें 79 उपग्रह विदेश से 42 स्वदेशी उपग्रह थे. इस मिशन के सफल होने पर पीएसएलवी से छोड़े गये उपग्रहों की संख्या बढ़कर 122 हो जायेगी.

इसरो के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने इसे एक सफल प्रक्षेपण करार देते हुए कहा कि यह 'हमारे तीन चरणीय इमेजिंग डाटा' की निरंतरता बनाए रखेगा, जो कि जमीन और पानी से जुड़े विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए बेहद उपयोगी होगा. मैं इस शानदार काम के लिए और एक और सक्रिय उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने के लिए इसरो के पूरे दल को बधाई देना चाहता हूं.

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