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11 June 2017

दतिया मंदिर पीठ में राष्ट्रपति ने की पूजा-अर्चना

दतिया में राष्ट्रपति पूजा-अर्चना

दतिया: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को पीताम्बरा पीठ मंदिर में पूजा-अर्चना की. उन्होंने मां बगलामुखी के दर्शन किए. अमृतेश्वर महादेव पर पुष्प अर्पित किए और बलखंडेश्वर मंदिर में जाकर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया. पट बंद होने के कारण वह मां धूमावती के दर्शन नहीं कर पाए. अनुष्ठान पूरा होने पर वसुंधरा राजे सिंधिया ने राष्ट्रपति को ट्रस्ट की ओर से शॉल और श्रीफल भेंट कर सम्मान किया और मां पीतांबरा की तस्वीर भेंट की. आम श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश बंद रखा गया था.

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से पहले भी मंदिर में कई दिग्गज हस्तिया आ चुकी हैं. राष्ट्रपति की सुरक्षा के मद्देनजर पुख्ता इंतजामात किए गए थे. वे विशेष विमान से ग्वालियर स्थित वायुसेना की हवाई पट्टी महाराजपुरा पहुंचे. यहाँ राष्ट्रपति की अगवानी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, जनसंपर्क मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्र, प्रभारी मंत्री माया सिंह ने की.

इस सिद्धपीठ की स्थापना 1935 में स्वामीजी के द्वारा की गई थी. ये चमत्कारी धाम स्वामीजी के जप और तप के कारण ही एक सिद्ध पीठ के रूप में जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि मां पीतांबरा देवी दिन में तीन बार अपना रुप बदलती हैं. मां के दर्शन से सभी भक्तों की मनोकामना पूरी होती है. मां बगुलामुखी को पद प्रतिष्ठा दिलाने वाली व राजसत्ता की देवी माना जाता है. राजसत्ता की कामना रखने वाले भक्त यहां आकर गुप्त पूजा-अर्चना करते हैं.

कहा जाता है कि 1962 में भारत और चीन युद्ध के दौरान पूज्यपाद स्वामी जी ने देश की रक्षा के लिए मां बगलामुखी की प्रेरणा से 51 कुंडीय महायज्ञ कराया था. 11वें दिन अंतिम आहुति के साथ ही चीन ने अपनी सेनाएं वापस बुला ली थीं. उस वक्त यज्ञ के लिए बनाई गई यज्ञशाला आज भी मौजूद है. इस पर पट्टिका लगी हुई है और घटना का उल्लेख है.

इनमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, अटल बिहारी बाजपेयी, राजीव गांधी, पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह, लालकृष्ण आडवानी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, राज ठाकरे, लालू प्रसाद, फिल्म अभिनेता संजय दत्त मुख्य हैं. इसके अलावा कई प्रदेशों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री भी यहां आ चुके हैं.

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