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14 April 2018

राष्ट्रपति कोविंद ने आंबेडकर जयंती पर श्रद्धासुमन किए अर्पित

राष्ट्रपति महू आंबेडकर जयंती

महू(मध्य प्रदेश): भारत के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद डॉ. बीआर अम्बेडकर की 127वीं जयंती पर 14 अप्रैल को उनकी जन्मस्थली महू(मप्र) पहुँचे. उन्होंने डॉ. अम्बेडकर के स्मारक पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. मुख्य अतिथि राष्ट्रपति ने महू में एक समारोह को संबोधित किया. महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि एक बेहतर एवं निष्पक्ष समाज के निर्माण की दिशा में अपने कदम के रूप में डॉ. अम्बेडकर ने सार्वजनिक जीवन में अहिंसा एवं करुणा के महत्व पर जोर दिया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी समारोह में शिरकत की. प्रदेश सरकार ने आम्बेडकर जयंती पर हर साल की तरह 'सामाजिक समरसता सम्मेलन' आयोजित किया.

राष्ट्रपति महू आंबेडकर 127वी जयंती

राष्ट्रपति ने इन्दौर से लगभग 25 किलोमीटर दूर छावनी कस्बे महू में कालीपल्टन क्षेत्र स्थित आंबेडकर की जन्मस्थली पर बने भव्य आंबेडकर स्मारक पर संविधान निर्माता को अपनी श्रद्धांजलि दी. संविधान निर्माता की स्मृति में महू नगर का नामकरण आंबेडकर नगर भी किया गया है.

राष्ट्रपति महू आंबेडकर 127वी जयंती

कोविंद देश के ऐसे पहले राष्ट्रपति बन गए है जिन्होंने डॉ. अम्बेडकर को उनकी जयंती पर उनके जन्म स्थान(महू) में जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. उनके जीवन में 14 के अंक का सुखद अनुभव है. वह देश के 14वें राष्ट्रपति हैं और 14 अप्रैल को महू पहुंचने का सौभाग्य भी उन्हें मिला है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आम्बेडकर की 125वीं जयंती पर 14 अप्रैल 2016 को संविधान निर्माता के महू स्थित स्मारक पहुंचकर इतिहास रचा था. पहले प्रधानमंत्री बने थे.

राष्ट्रपति ने कहा बाबा साहेब अम्बेडकर का भारतीय संविधान में सबसे बड़ा योगदान रहा है. वे किसी भी सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि के भारतीयों को समान नागरिक बनाना चाहते थे. इस लिए ही उन्होंने संविधान में सार्वजनिक मताधिकार लागू किया. उनकी प्रेरणा से आज समाज के निर्बल तबके के लोग भी एक आधुनिक एवं बेहतर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. संविधान हमारा पवित्र ग्रंथ है. समाज को समर नहीं, समरसता की जरूरत है. राष्ट्रपति ने जय भीम, जय हिंद का नारा लगाते हुए कहा, "जय भीम का मतलब है अंबेडकर की जय… उनकी विरासत, आदर्शों और उनके द्वारा देश को दिए गए संविधान की जय" बाबा साहेब कहा करते थे कि मैं भारतीय हूं. अत: हिंदू हूं, अमीर या गरीब हूं, ये शब्द हमें नहीं कहना चाहिए. ये शब्द विभाजनकारी हैं. देशवासियों, विशेषकर युवाओं से अपील करता हूं कि वे अंबेडकर के बताए शांति, सौहार्द और भाईचारे के रास्ते पर चलें और एकजुट होकर उनके सपनों का भारत बनाने का संकल्प लें.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने डॉ. आंबेडकर की स्मृति से जुड़े पंचतीर्थ को भी मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना में शामिल करने की घोषणा की.

समारोह में शिरकत करने शनिवार को राष्ट्रपति कोविंद, प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मंत्री थावरचंद गेहलोत सहित आंबेडकर के लाखो अनुयायी पहुंचे. राष्ट्रपति विशेष विमान से इंदौर पहुंचे, जहां उनका मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य लोगों ने उनकी अगवानी की.

बाबा साहेब की जन्मस्थली महू में एक अनोखा विवाह हुआ. बिना किसी आडंबर के शाजापुर बिजली कंपनी के एई सूर्यदेव जय सिंह निवासी खेजरा खुर्द गांव अशोक नगर व इंदौर नगरीय प्रशासन विभाग में पदस्थ सब इंजीनियर रचना सुमन निवासी धार का विवाह हुआ हुआ. बाबा साहेब को साक्षी मानकर एक दूसरे को माला पहनाई और स्वर्ग मंदिर में फेरे लिए.

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