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27 February 2019

प्रधानमंत्री मोदी ने किया सबसे बड़ी गीता का विमोचन

800 कि. गीता विमोचन

नई दिल्ली: इस्कॉन मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया की सबसे बड़ी भगवद गीता का विमोचन किया. इस गीता का 800 किलो वजन है इसमें 670 पृष्ठ है. विशाल गीता का विमोचन कार्यक्रम दक्षिणी दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में किया गया. इस्कॉन-ग्लोरी ऑफ इंडिया कल्चरल सेंटर में गीता आराधना कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस्कॉन मंदिर में प्रधानमंत्री ने श्रीमद्भागवत गीता की आरती उतारी और फिर उसके पन्ने पलटकर विमोचन किया.

पीएम मोदी खान मार्केट मेट्रो स्टेशन से दिल्ली मेट्रो में सवार होकर इस्कान मंदिर पहुंचे. मेट्रो में सवार होते ही पीएम के साथ सेल्फी लेने वालो की होड़ मची.

गौरतलब है कि गीता में महाभारत युद्ध के दौरान कुरुक्षेत्र के मैदान में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेशों का संकलन है. श्रीमद्भागवत गीता दुनिया का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला पवित्र ग्रंथ है.

विश्व की सबसे बड़ी इस गीता को बनाने में करीब डेढ़ करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इसमें ढाई साल का समय लगा हैं. इसे इटली के इस्कॉन में बनाया गया है. पिछले साल 11 नवंबर को इसे पहली बार इटली में प्रदर्शित किया गया था. इस गीता को इटली से समुद्र मार्ग से मुंद्रा(गुजरात) फिर 20 जनवरी को दिल्ली लाया गया है. इसे रखने के लिए दो टन का हाइड्रोलिक स्टैंड बनाया गया है. इसके कवर पेज को सैटेलाइट के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कार्बन फाइबर से बनाया गया है. इसमें वाटरप्रूफ और मजबूत इटैलियन यूपो सिंथेटिक पेपर का इस्तेमाल किया गया है. इसका एक पन्ना पलटने के लिए चार लोग लगते हैं. कुल 800 किलो वजन की गीता में 670 पृष्ठ है. यह गीता 12 फीट लंबी और नौ फीट चौड़ी है. इसके पन्नों को जोड़ने के लिए जापानी बाइंडिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इस गीता में सोना-चांदी समेत कई धातु लगाए गए हैं, साथ ही इसके कवर पेज को स्वर्णिम धातु से तैयार किया गया है. इसे खड़ा होकर पढ़ा जा सकता है, 700 संस्‍कृत के श्‍लोक शामिल हैं, 18 सुंदर चित्र में भी हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया को मानवता के दुश्मनों से बचाने के लिए दैवीय शक्तियां हमेशा से हमारे साथ है. गीता दुनिया के लिए उपहार है. गीता में सभी प्रश्नों का उत्तर मौजूद है. लोकमान्य तिलक ने जेल में रहकर भी गीता लिखी थी. तिलक ने लिखा था कि इसके संदेश का प्रभाव सिर्फ दार्शनिक या विद्वान लोगों के लिए ही नहीं बल्कि आम लोगों के लिए भी है. गीता की एक प्रति मैंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को भी दी थी.

इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रील भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने गीता प्रचार के 50 साल पूरे करने के उपलक्ष्य में इसे बनवाया है. इसे कुरुक्षेत्र में बन रहे श्रीकृष्ण-अर्जुन मंदिर में स्थापित किया जाएगा.

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