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14 October 2020

सीएम शिवराज ने 145 शैक्षणिक भवन का किया लोकार्पण

सीएम शैक्षणिक भवन लोकार्पण

भोपाल: सीएम शिवराज सिंह ने राज्य के छात्रो को सौगात दी. 497 करोड़ से बने 145 स्कूल भवनों का लोकार्पण किया. भोपाल स्थित मिंटो हॉल से आदिम-जाति कल्याण विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग के नव निर्मित भवनों का लोकार्पण किया. नव-निर्मित शैक्षिक भवनों में आदिम-जाति कल्याण विभाग के 357 करोड़ 9 लाख रुपए लागत के 13 विशिष्ट आवासीय विद्यालयों(कन्या शिक्षा परिसरों), 4 करोड़ 63 लाख रुपए के 3 छात्रावास भवनों, स्कूल शिक्षा विभाग के 135 करोड़ 98 लाख रुपए लागत के 129 हाई स्कूल एवं हायर सेकंडरी शाला भवन शामिल हैं.

इन शाला भवनों के निर्माण से करीब 21 हजार विद्यार्थी लाभांवित होंगे. स्कूल शिक्षा विभाग जल्द ही इन शालाओं के लिए फर्नीचर आदि का इंतजाम करेगा. मध्य प्रदेश में कोई स्कूल बंद नहीं होगा, 10 हजार स्कूल मॉडल बनेंगे.

लोकार्पण कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, आदिम-जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह और स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार शामिल हुए. लोकार्पण के मद्देनजर इस बात का विशेष ख्याल रखा गया कि कहीं किसी स्तर से प्रदेश में हो रहे विधानसभा उपचुनाव के लिए जारी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन न हो.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विद्यालय के भवन ऐसे हों जहां बच्चा दिल लगाकर पढ़ाई कर सकें. छठवीं कक्षा से ही छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान की जाएगी जो उनके लिए रोजगार मूलक साबित होगी. हमारी प्राथमिकता रही है कि हाई व सेकंडरी तक स्कूल तेजी से खुलें. 20 से 25 किमी के दायरे में पूर्ण विकसित स्कूल खोले जाएंगे. रानी पद्मावती का पाठ पाठ्यक्रम में जोड़ा जाएगा.

वही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए बुधवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति(एनईपी) के तहत नये टीचिंग-लर्निंग एंड रिजल्ट्स फॉर स्टेट्स(स्टार्स) कार्यक्रम को मंजूरी दी. विश्व बैंक से सहायता प्राप्त इस कार्यक्रम के तहत 5718 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई. कार्यक्रम का क्रियान्वयन केंद्र सरकार के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा नए केंद्र पोषित कार्यक्रम के रूप में होंगे. अब शिक्षा का मतलब रट्टा लगाकर पढ़ाई करना नहीं बल्कि समझ कर सीखना होगा. यह परियोजना विश्व बैंक के सहयोग से चलेगी. यह कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और ओडिशा में लागू होगा.

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