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15 August 2022

आजादी का अमृत काल, पीएम मोदी लाल किला भाषण

आजादी अमृत काल पीएम भाषण

नई दिल्ली: देशभर में आजादी के अमृत महोत्सव की धूम रही. 75वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी ने नौवीं बार देश को संबोधित किया झंडा फहराया. नारी शक्ति से 2047 तक के ब्लूप्रिंट को बताया. 2047 तक देश को विकसित बनाने का लक्ष्य तय किया. आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं देने के साथ अपनी बात रखी. आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा फहराया गया. देश को आगामी 25 साल में विकसित बनाने का संकल्य लिया. कार्यक्रम में पहली बार मेड इन इंडिया तोप से सलामी ली. अब तक इस रस्मी सलामी के लिए ब्रिटिश तोपों का उपयोग होता था.

देशवासियों को 5 प्रण दिलाए
पहला प्रण: अब देश बड़े संकल्प लेकर ही चले. बहुत बड़े संकल्प लेकर चलना होगा. बड़ा संकल्प है, विकसित भारत.
दूसरा प्रण: किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर गुलामी का एक भी अंश अगर अभी भी है तो उसको किसी भी हालत में बचने नहीं देना है. अब शत प्रतिशत सैंकड़ों साल की गुलामी में जो हमें जकड़कर रखा है, हमें उससे मुक्ति पानी ही होगी.
तीसरा प्रण: हमें हमारी विरासत पर गर्व होना चाहिए. यही विरासत जिसने कभी भारत का स्वर्णिम काल दिया था. इस विरासत के प्रति हमें गर्व होना चाहिए.
चौथा प्रण: एकता और एकजुटता. 130 करोड़ देशवासियों मे एकता. न कोई अपना न कोई पराया. एकता की ताकत एक भारत श्रेष्ठ भारत के सपनों के लिए हमारा चौथा प्रण है.
पांचवां प्रण: नागरिकों का कर्तव्य. जिसमें पीएम-सीएम भी बाहर नहीं होता, वो भी नागरिक हैं. आने वाली 25 साल के सपनों को पूरा करने के लिए एक बहुत बड़ी प्राणशक्ति है. जब सपने बड़े होते हैं. जब संकल्प बड़े होते हैं तो पुरुषार्थ भी बहुत बड़ा होता है.

आजादी अमृत काल पीएम भाषण

पीएम मोदी भाषण मुख्य अंश

आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर न सिर्फ हिन्‍दुस्‍तान का हर कोना, दुनिया के हर कोने में आज किसी न किसी रूप में भारतीयों के द्वारा या भारत के प्रति अपार प्रेम रखने वालों के द्वारा हमारा तिरंगा लहराया. देश के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले हर महापुरूष को, हर त्‍यागी को, हर बलिदानी को याद कर नमन किया. पूज्‍य बापू, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, बाबा साहेब अम्‍बेडकर, वीर सावरकर, जिन्‍होंने कर्तव्‍य पथ पर जीवन को खपा दिया कृतज्ञता व्यक्त की.

यह देश कृतज्ञ है, मंगल पांडे, तात्‍या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल अनगिनत ऐसे हमारे क्रांति वीरों ने अंग्रेजों की हुकुमत की नींव हिला दी थी. यह राष्‍ट्र कृतज्ञ है, उन वीरांगनाओं के लिए, रानी लक्ष्‍मीबाई हो, झलकारी बाई, दुर्गा भाभी, रानी गाइदिन्ल्यू, रानी चेनम्‍मा, बेगम हजरत महल, वेलु नाच्चियार.

आजादी की जंग भी लड़ने वाले और आजादी के बाद देश बनाने वाले डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद जी हों, नेहरू जी हों, सरदार वल्‍लभ भाई पटेल, श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी, लाल बहादुर शास्‍त्री, दीनदयाल उपाध्‍याय, जय प्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, आचार्य विनाबाभावे, नानाजी देशमुख, सुब्रह्मण्‍यमभारती, अनगिनत ऐसे महापुरुषों को आज नमन करने का अवसर है.

हम आजादी की जंग की चर्चा करते हैं तो हम उन जंगलों में जीने वाले हमारे आदिवासी समाज का भी गौरव करना नहीं भूल सकते हैं. भगवान बिरसा मुंडा, सिद्धू कान्हू, अल्लूरी सीताराम राजू, गोविंद गुरू, अनगिनत नाम हैं जिन्‍होंने आजादी के आंदोलन की आवाज बनकर दूर-सदूर जंगलों में भी मेरे आदिवासी भाई-बहनों, मेरी माताओं, मेरे युवकों में मातृभूमि के लिए जीने-मरने के लिए प्रेरणा जगाई.

ये देश का सौभाग्‍य रहा है कि आजादी की जंग के कई रूप रहे हैं और उसमें एक रूप वो भी था जिसमें नारायण गुरू हो, स्‍वामी विवेकानंद हो, महर्षि अरविंदो हो, गुरुदेव रविन्‍द्रनाथ टैगोर हो, ऐसे अनेक महापुरुष हिन्‍दुस्‍तान के हर कोने में, हर गांव में भारत की चेतना को जगाते रहे. भारत को चेतनमन बनाते रहे.

आज जब हम आजादी का अमृत महोत्‍सव मना रहे हैं तो पिछले 75 साल में देश के लिए जीने मरने वाले, देश की सुरक्षा करने वाले, देश के संकल्‍पों को पूरा करने वाले चाहे सेना के जवान हों, पुलिसकर्मी हों, शासन में बैठे हुए ब्‍यूरोक्रेट्स हों, जनप्रतिनिधि हों, स्‍थानीय स्‍वराज की संस्‍थाओं के शासक-प्रशासक रहे हों, राज्‍यों के शासक-प्रशासक रहे हों, केंद्र के शासक-प्रशासक रहे हों. 75 साल में इन सबके योगदान को भी आज स्‍मरण करने का अवसर है. जिन्‍होंने 75 साल में अनेक प्रकार की कठिनाइयों के बीच भी देश को आगे बढ़ाने के लिए अपने से जो हो सका वो करने का प्रयास किया है.

आंतकवाद ने डगर-डगर चुनौतियां पैदा कीं, निर्दोष नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया गया. छद्म युद्ध चलते रहे, प्राकृतिक आपदाएं आती रही, सफलता विफलता, आशा निराशा, न जाने कितने पड़ाव आए हैं. लेकिन इन पड़ाव के बीच भी भारत आगे बढ़ता रहा है.

साथियों, चाहे पुलिस हो, या पीपुल हो, शासक हो या प्रशासक हो, यह नागरिक कर्तव्‍य से कोई अछूता नहीं हो सकता. हर कोई अगर नागरिक के कर्तव्‍यों को निभाएगा तो मुझे विश्‍वास है कि हम इच्छित लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में समय से पहले सिद्धि प्राप्‍त कर सकते हैं. देश की उपलब्धियों को गिनाया. अब हम 5जी के दौर की ओर कदम रख रहे हैं. बहुत दूर इंतजार नहीं करना होगा, हम कदम मिलाने वाले हैं. हम ऑप्टिकल फाइबर गांव-गांव में पहुंचा रहे हैं. डिजिटल इंडिया का सपना गांव से गुजरेगा, ये मुझे पूरी जानकारी है. आज मुझे खुशी है हिन्‍दुस्‍तान के गांवों में 4 लाख कॉमन सर्विस सेंटर्स विकसित हो रहे हैं. गांव के नौजवान बेटे-बेटियां कॉमन सर्विस सेंटर चला रहे हैं. देश गर्व कर सकता है कि गांव के क्षेत्र में चार लाख Digital Entrepreneur का तैयार होना और सारी सेवाएं गांव में मिलना, ये अपने-आप में टेक्‍नोलॉजी हब बनने की भारत की ताकत है.

आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर, बाइडेन, पुतिन और मैक्रों ने शुभकामनाओं दी, साथ देने का भरोसा दिया. दुनियाभर के दिग्गज नेताओं ने भारत के लोगों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी. वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारतीय नेतृत्व और लोगों को भारत के स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वह भारत की लोकतांत्रिक यात्रा के सम्मान में उसके लोगों के साथ है और दोनों देश अपरिहार्य साझेदार हैं.

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा ज़िले के तामिया गाँव की बेटी पर्वतारोही भावना डेहरिया ने यूरोप महाद्वीप के सबसे ऊँचे शिखर माउंट एल्ब्रुस के शिखर पर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिरंगा फहरा कर एक बार फिर इतिहास रचा.

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