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18 January 2022

मप्र नई शराब नीति मंज़ूर, हिंसा पीड़ित महिला मुआवजा

मप्र नई शराब नीति

भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश कैबिनेट की मंगलवार को बैठक में अहम् फैसले किए गए. 1 अप्रैल से शराब सस्ती होगी. होम बार लाइसेंस को मंजूरी मिली. देशी-विदेशी शराब अब एक ही दुकान पर मिलेगी. घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को आर्थिक सहायता के रूप में 2 से 4 लाख रुपये मिलेंगे. महुए से बनी शराब टैक्स फ्री होगी.

मप्र घरेलु हिंसा मुआवजा

शराब को प्रदेश के 89 विकासखंडों में टैक्स फ्री किया जाएगा. अब दो से पांच दुकानों के ग्रुप बनाकर शराब दुकानों के ठेके दिए जाएंगे. एक ग्रुप में अधिकतम 5 दुकानें होंगी. घर पर शराब रखने की लिमिट भी सरकार ने बढ़ा दी है.

घरेलु महिला को पति, सास-ससुर, देवर-ननद अगर प्रताड़ित करते हैं और हिंसा में 40% की क्षति होती है तो 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. इससे अधिक क्षति होने पर 4 लाख रुपये दिए जाएंगे. इसके साथ ही अदालत में प्रकरण के दौरान आने-जाने पर होने वाला खर्च और इलाज का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी. घरेलू हिंसा के मामले में महिला को कलेक्टर को आवेदन देना होगा. अब तक की योजना में दोष साबित होने पर ही महिला को आर्थिक सहायता दी जाती है. नए नियमों के तहत इसकी अनिवार्यता खत्म हो गई है.

विमुक्त घुमक्कड़ और अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग का नाम बदलकर घुमंतू और अर्द्ध घुमंतू जनजाति कल्याण विभाग किया गया है. सामान्य वर्ग कल्याण आयोग का कार्यकाल 2 साल बढ़ाने का फैसला किया गया है. नगरीय क्षेत्रों में सरकारी जमीन पर बने दुकानों, मकानों के पट्टे दिए जाएंगे. स्वास्थ्य विभाग के 25% विशेषज्ञ पदों की सीधी भर्ती को मंजूरी दी गई थी. गैस पीड़ित और उनके बच्चों के इलाज की व्यवस्था, आयुष्मान निरामयम मध्यप्रदेश योजना में आयुष्मान कार्ड बनाकर प्रति परिवार प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए तक, एनएचपीएस योजना में चिन्हित अस्पतालों में पैकेज राशि की दरों के अनुरूप किए जाने का फैसला लिया है. भोपाल और इंदौर के लिए माइक्रो बेवरेज बनाई जाएंगी यह छोटी यूनिट होती हैं, जिनमें रोज 500 से 1000 लीटर शराब बनाने की क्षमता होती है.

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