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04 May 2022

रिज़र्व बैंक रेपो रेट बढ़ा, कार-मकान ईएमआई में वृद्धि

बैंक रेपो रेट बढ़ा

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) ने रेपो रेट बढ़ाए. RBI के रेपो रेट बढ़ने से घर-कार खरीदना महंगा पड़ेगा. लेकिन फिक्स्ड डिपाजिट करने वालो को इसका फायदा होंगा. केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को पहले के 4% से 40 बीपीएस बढ़ाकर 4.40% कर दिया है. इससे पहले पिछली बार रेपो रेट में मई 2020 में कटौती की गई थी. तब से लगातार इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया था. दो साल बाद अब आरबीआई ने रेपो दर में बढ़ोतरी कर दिया है. अचानक RBI की रेपो रेट में बढ़ोतरी से, शेयर बाजार धड़ाम हुआ. निफ्टी में 391 अंकों की गिरावट, सेंसेक्स भी 1306 अंक टूटा.

रेपो रेट 4.4 फीसद होने के अलावा कैश रिजर्व रेशियो(CRR) में भी 50 बेसिस प्‍वाइंट की बढ़ोतरी की गई है, जो कि ब्याज दरों पर और दबाव बनाएगा. फिक्स्ड डिपाजिट यानी एफडी(FD) में निवेश करने वालों को बड़ा फायदा मिल सकता है. रेपो रेट बढ़ने से EMI पर असर पड़ेगा. Home Loan, Car Loan और Personal Loan महंगा हो जाएगा.

बता दें कि रेपो रेट से मतलब होता है कि रिजर्व बैंक जिस रेट पर अन्य बैकों को कर्ज देती है. इसी आधार पर बैंक अपने ग्राहकों को लोन देता है. रेपो रेट कम होने का मतलब होता है कि ग्राहकों को कम दाम पर लोन मिलेगा.

गौरतलब है कि विदेशों में ज्यादा ब्याज होने और देश में कम ब्याज दर होने की वजह से देश से विदेशी निवेश अपना धन निकाल कर विदेशों की ओर ले जाते हैं. लिहाजा, विदेशी निवेशकों को ज्यादा रिटर्न देकर उनका पैसा देश में रोके रखने के लिए ब्याज दर को ऊंचा रखना जरूरी हो जाता है, हालांकि, इससे देश में उत्पादकता पर बुरा प्रभाव पड़ता है. रेपो रेट में इजाफे की खबर से शेयर बाजार में भूचाल आ गया. शेयर बाजार के दोनों सूचकांक में भारी गिरावट देखने को मिली है.

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध का असर महसूस हो रहा है और युद्ध के प्रभाव को इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड ने भी समझा है. वहीं, बढ़ती महंगाई को देखते हुए आरबीआई अपने 'accommodative stance' यानी उदार रुख को छोड़ते हुए अब बेंचमार्क रेट को बढ़ा रही है. खुदरा मुद्रास्फीति पिछले तीन महीने से लक्ष्य की उच्चतम सीमा छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है.

4 मई बुधवार से ही देश के सबसे बढे एलआईसी आईपीओ का सब्सक्राइब शुरू हुआ. शेयर बाजार में भारी गिरावट की वजह से लोगों में यह आशंका है कि क्या आरबीआई के पॉलिसी रेट्स में वृद्धि का एलआईसी आईपीओ पर असर देखा जा सकता है.

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